करोड़पति बना देगी सरकार की ये योजना, घर बैठे ऑनलाइन खोलें अकाउंट, देखें एक-एक स्टेप



नई दिल्ली. पब्लिक प्रोविडेंट फंड को सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया था. इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 सालों का होता है. हालांकि, इसे 5-5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है. ऐसा आपको पहली मैच्योरिटी पूरी होने के 1 साल के भीतर ही करना होगा. बहरहाल, ये सरकार की कुछ सबसे बेहतरीन स्कीम्स में से एक है जो लंबी अवधि में आपको करोड़ों रुपये का फंड बनाकर दे सकती है.


PPF एक EEE श्रेणी की निवेश योजना है. इसका मतलब कि इसमें निवेश, ब्याज और निकासी तीनों ही पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. इसमें आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये का वार्षिक निवेश कर सकते हैं जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की मांग चल रही है. इसमें आपको न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है. इस योजना पर फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. ये पिछले 10 सालों में सबसे कम है. हालांकि, नीतिगत दरों में वृद्धि के बाद अब PPF की ब्याज दरों में भी वृद्धि की उम्मीद है.


आप अकाउंट जिस बैंक में उसकी वेबसाइट पर लॉग-इन कर आप बड़ी आराम से घर बैठे की पीपीएफ खाता खोल सकते हैं. हम आपको ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका बताएंगे.


पीपीएफ अकाउंट बनाने वाले विकल्प को चुनें.

सेल्य या माइनर अपनी पसंद का अकाउंट चुनें.

मांगी गई जानकारी को सही से भरें.

इसके बाद पैसे जितनी रकम जमा करनी है वह दर्ज करें.

इसके बाद या तो आपसे ट्रांजेक्शन पासवर्ड मांगा जाएगा या फिर ओटीपी.

ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपका पीपीएफ अकाउंट बन जाएगा.

जो भी जानकारियां आपने भरी इसका एक प्रिंट आउट निकाल लें.

कई दफा आपको केवाईसी के साथ ये जानकारियां बैंक में जमा करनी होती हैं.


सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, सबसे ज्‍यादा कर्ज में डूबे हैं ये देश!, नाम जानकर लगेगा झटका




पाकिस्तान भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहां लोगों को खाने-पीने की चीजें मिलना मुश्किल हो गई है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं दुनिया में सबसे ज्‍यादा कर्ज कोई पाकिस्‍तान या श्री लंका पर नहीं है. आज हम आपको दुनिया के टॉप 10 देशों के बारे में बताने जा रहे हैं. इस लिस्‍ट में अफ्रीका से लेकर यूरोप के कई देश शामिल हैं. इस लिस्‍ट में आप पहले नंबर पर जिस देश का नाम देखेंगे, उसे देखकर हैरान होने वाले हैं, तो चलिए थोड़ा सा जनरल नॉलेज आप भी बड़ा लीजिए.


जापान

अगर जीडीपी (GDP) से तुलना करें तो, दुनिया में सबसे ज्‍यादा कर्ज लेने वाला देश जापान है. जी हां, इस देश के ऊपर कुल 9.087 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन है. अगर इस कर्ज की तुलना जापान की GDP से की जाए तो लगभग 237% है. आप साधारण भाषा में ऐसे समझ सकते हैं अगर जापान की GDP, 100 रुपये है तो उस पर कर्ज 237 रुपये है.


ग्रीस

कर्ज के मामले में दूसरे नंबर पर ग्रीस आता है. इस देश पर कुल 379 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज है, जो GDP का 177% है.


लेबनान

दुनिया में सबसे ज्‍यादा कर्ज लेने वाले देशों की सूची में तीसरे स्‍थान पर लेबनान आता है. ये देश मध्य-पूर्व में स्थित है.इस देश पर कुल कर्ज 96.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, ये कर्ज इस देश की GDP का 151% है.


इटली

कर्ज के मामले में चौथे नंबर पर इटली आता है. यूरोप का ये खूबसूरत देश भारी कर्ज में डूबा हुआ है. इस देश पर कुल 2.48 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, जो इस देश की GDP का 135% है.


सिंगापुर

साउथ ईस्‍ट कंट्री सिंगापुर जहां घूमने के सपने आपने कई बार देखे होंगे. ये देश 1.7 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज में डूबा हुआ है. ये कर्ज के मामले में 5वें स्थान पर आता है. ये कर्ज GDP का 126% है.


केप वर्डे

दुनिया में सबसे ज्‍यादा कर्ज लेने वालों की सूची में छठवे स्‍थान पर अफ्रीका का द्वीपीय देश आता है. इस देश का नाम केप वर्डे है. इस देश पर 2.51 बिलियन डॉलर का कर्ज है, जो GDP का 125% है.


पुर्तगाल

यूरोप का एक और देश कर्जदारों की टॉप 10 लिस्‍ट में शामिल है. इस देश का नाम पुर्तगाल है. कर्ज लेने के मामले में ये देश सातवां स्थान रखता है. इस देश पर 254 बिलियन डॉलर का कर्ज है, जो इस देश की जीडीपी का 117% है.


अंगोला

अफ्रीका के कई देश कर्ज की चुंगल में फंसे हुए हैं. इसमें अंगोला दुनिया में आठवां स्‍थान रखता है. इस देश पर 64,963 मिलियन डॉलर का कर्ज है, जो GDP का 111% है.


भूटान

भूटान के बारे में तो आप भी जानते ही होंगे. भारत का ये पड़ोसी देश दुनिया में कर्ज लेने के मामले में नौवां स्थान रखता है. इस देश पर 2.33 बिलियन डॉलर का कर्ज है, जो इस देश की GDP का 110% है.

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की तरह बेहद काबिल हैं बेटे आयुष्मान, गिनीज बुक में दर्ज नाम





नई दिल्ली। मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का बीते दिनों निधन हो गया। हार्ट अटैक के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था। बाद में पता चला कि वह कोमा में हैं। कई दिन अस्पताल में जिदंगी और मौत की लड़ाई लड़ने के बाद कॉमेडियन का 21 सितंबर 2022 को निधन हो गया। राजू श्रीवास्तव की फैमिली में उनकी वाइफ शिखा श्रीवास्तव, एक बेटी और एक बेटा है। आइए राजू श्रीवास्तव के बेटे आयुष्मान खुराना से आज आपको मिलवाते हैं।


पिता की तरह आयुष्मान श्रीवास्तव कॉमेडी नहीं करते। मगर उनका टेलेंट ऐसा है कि इंडस्ट्री में उनकी चर्चा है। हाल में ही राजू श्रीवास्तव के बेटे आयुष्मान अपने टेलेंट के दम पर सा रे गा मा पा लिटिल चैम्प्स सीजन 9 में नजर आए।


जी हां, आयुष्मान श्रीवास्तव प्रोफेशनल सितार वादक हैं। वह म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने टेलेंट के लिए जाने जाने लगे हैं। हाल में ही वह रियालिटी सिंगिंग शो सा रे गा मा पा के सीजन 9 के ग्रैंड फिनाले में नजर आए।


सिंगिंग शो में आयुष्मान श्रीवास्तवव ने परफॉर्मेंस दी। यहां उनके टेलेंट की खूब तारीफ हुई। लोग भी कहने लगे कि पिता की तरह तुम भी चमको। ऐसे ही शाइन करते रहो।


Aayushmaan Srivastava ने मुंबई से अपनी स्कूली पढ़ाई की। इसके बाद वह बीएससी की पढ़ाई करने लंदन चले गए। यही से उन्होंने बेचुलर ऑफ साइंस (2015-2018) कंप्लीट की।


आयुष्मान श्रीवास्तव का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। अमेजन प्राइव की वेब सीरीज ‘द फॉरगॉटन आर्मी’ के लिए एक लाइव ट्रैक गाया गया था। जिसमें 1046 संगीतकारों ने हिस्सा लिया था। ये लाइव परफॉर्मेंस गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था।


जून 2022 में राजू श्रीवास्तन के बेटे आयुष्मान को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज भवन में शानदार परफॉर्मेंस देने के लिए सम्मानित किया था।


आयुष्मान श्रीवास्तव फुटबॉल के बड़े फैन हैं। बचपन से ही वह जर्सी कलेक्शन करते हैं। उनके इंस्टाग्राम पर फुटबॉल खेल से जुड़े कई पोस्ट देखने को मिलते हैं।

बिग बॉस फिनाले में पहुंचा ये कंटेस्टेंट छोड़ देगा विनर की ट्रॉफी, लाखों का ब्रीफकेस देख आ जाएगा लालच




मुम्बई। टीवी के विवादित रियलिटी शो बिग बॉस 16 की शुरुआत 16 कंटेस्टेंट्स के साथ हुई थी। तीन महीनों के कठिन सफर के बाद शो में अब सिर्फ सात कंटेस्टेंट्स बचे हुए हैं। बिग बॉस 16 अब अपने आखिरी पड़ाव पर आ गया है और फरवरी के दूसरे हफ्ते में ग्रैंड फिनाले होने की उम्मीद है। वहीं, अब शो को लेकर एक चौंका देने वाली जानकारी सामने आ रही है। खबर के अनुसार एक पॉपुलर कंटेस्टेंट फिनाले में पहुंच खुद ट्रॉफी को छोड़ देगा।


बिग बॉस के पिछले सीजन में देखने को मिला है कि ग्रैंड फिनाले में विनर की घोषणा के कुछ घंटे पहले मेकर्स अपने टॉप कंटेस्टेंट्स को एक ऑफर देते हैं। ऑफर के अनुसार कंटेस्टेंट्स के सामने लाखों रुपये की रकम से भरा एक ब्रीफकेस रखा जाता है और उनसे ब्रीफकेस लेने के बदले विनर बनने की दावेदारी छोड़ने के लिए कहा जाता है।


बिग बॉस के पिछले सीजन में निशांत भट्ट ने 10 लाख रुपये का ब्रीफकेस उठाया था और ट्रॉफी छोड़ दी थी। वहीं, बिग बॉस के सीजन 13 में पारस छाबड़ा ने ब्रीफकेस चुना था, जबकि सीजन 14 में राखी सावंत ने 14 लाख रुपये से भरा ब्रीफकेस लेकर विनर की दावेदारी छोड़ दी थी।


बिग बॉस 16 के पिछले सीजन्स के अनुसार इस बार ब्रीफकेस की रकम 10 से 14 लाख के बीच हो सकती है। हालांकि, असली रकम फिनाले के दिन सामने आएगी, जब मेकर्स खुद इसका खुलासा करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल जो कंटेस्टेंट ग्रैंड फिनाले के दिन ब्रीफकेस उठाएगा वो है अर्चना गौतम क्योंकि उनके शो जीतने की उम्मीद बहुत कम है। ऐसे में अर्चना दिमाग से खेलते हुए ब्रीफकेस चुनकर विनर की ट्रॉफी से अपनी दावेदारी छोड़ सकती हैं।

बहुत लकी होते हैं इन तारीखों में जन्‍मे बच्‍चे, पैदा होते ही चमक जाती है घरवालों की किस्मत!




नई दिल्ली। न्‍यूमेरोलॉजी के अनुसार कुछ खास तारीखों में जन्‍मे बच्‍चों को बहुत सौभाग्‍यशाली बताया गया है. इन तारीखों में जन्‍मे लोग अपने जीवन में खूब सफलता पाते है। अंक ज्‍योतिष के अनुसार मूलांक 1 और मूलांक 7 के जातक बहुत भाग्‍यशाली होते हैं. यानी कि किसी भी महीने की 1, 10, 28, 19 तारीख को जन्‍मे बच्‍चे का मूलांक 1 होगा. वहीं किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख को जन्‍मे बच्‍चे का मूलांक 7 होगा. आइए जानते हैं कि नंबर 1 और नंबर 7 वाले बच्‍चों की खासियतें और उनका भविष्‍य


मूलांक 1 यानी कि किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को जन्‍मे बच्‍चे पढ़ने में बहुत तेज होते हैं. ये बच्‍चे बचपन से ही पढ़ाई में टॉप करते हैं और अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं. ये राजनीति, सिविल सर्विस, रक्षा जैसे क्षेत्रों में सफलता पाते हैं. इस मूलांक के बच्‍चे कम उम्र में ही काफी लोकप्रियता हासिल कर लेते हैं.


7 नंबर को ज्‍योतिष में बहुत शुभ और महत्‍वपूर्ण माना गया है. मूलांक 7 के जातक बहुत लकी होते हैं. इनके पैदा होते ही परिवार का भाग्‍य चमक जाता है. ये जातक सूर्य के प्रभाव से खूब आत्‍मविश्‍वासी, निडर और साहसी होते हैं. यदि व्‍यापार, राजनीति में जाएं तो खूब धनवान बनते हैं और नाम भी कमाते हैं. साथ ही ये बच्‍चे अपने कोमल स्‍वभाव के कारण परिवार में सभी का खूब प्‍यार भी पाते हैं. 

इन स्थितियों में कभी न छुएं बड़े-बुजुर्गों के पैर, फायदे की जगह होगा नुकसान!



नई दिल्ली. अपनों से बड़े और सम्मानीय लोगों के चरण स्पर्श करना यानी पैर छूना हिंदू धर्म की सदियों पुरानी परंपरा है. इसके अलावा कुछ खास रिश्‍तों में उम्र में बड़े व्‍यक्ति भी अपने से कम उम्र वाले व्‍यक्ति के पैर छूते हैं. वहीं छोटी बच्चियों और कन्‍याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना भी बहुत अहम माना जाता है. लेकिन धर्म-शास्‍त्रों में कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बताया गया है जब सामने बड़े-बुजुर्ग आ भी जाएं तो भी उनके पैर नहीं छूना चाहिए. ऐसी स्थिति में पैर छूने की बजाय दूर से हाथ जोड़कर प्रणाम कर लेना ही पर्याप्‍त होता है. आइए जानते हैं किन स्थितियों में बड़े और सम्‍मानीय लोगों के पैर भी नहीं छूने चाहिए.


श्मशान से लौटता हुआ व्यक्ति: यदि कोई सम्‍मानीय व्‍यक्ति या बड़े-बुजुर्ग श्‍मशान घाट से लौट रहे हैं तो उनके पैर छूने से बचना चाहिए. क्‍योंकि श्‍मशान घाट में किसी के अंतिम संस्‍कार से लौटने पर व्‍यक्ति अशुद्ध रहता है. जब वह स्‍नान कर ले उसके बाद ही उसे छूना चाहिए.


मंदिर में : मंदिर में व्‍यक्ति भगवान की पूजा-प्रार्थना करने और उनकी कृपा पाने के लिए जाता है. वहां भगवान से बड़ा और ज्‍यादा सम्‍मानीय कोई नहीं होता है. लिहाजा मंदिर या धार्मिक स्‍थल के अंदर कोई बुजुर्ग या सम्‍मानीय व्‍यक्ति मिल जाए तो भी उसके पैर नहीं छूना चाहिए.


सोया हुआ व्यक्ति: यदि कोई व्‍यक्ति सो रहा है या लेटा हुआ है तो उस समय उसके पैर न छुएं. लेटे हुए या सोए हुए व्‍यक्ति के पैर छूना बहुत अशुभ होता है, मान्‍यता है कि ऐसा करने से व्‍यक्ति की उम्र घटती है. केवल मरे हुए व्‍यक्ति के ही पैर छुए जाते हैं.


अशुद्ध स्थिति में: यदि पैर छूने वाला व्‍यक्ति या सम्‍मानीय व्‍यक्ति दोनों में से कोई भी अशुद्ध अवस्‍था में है तो पैर नहीं छूने चाहिए. इससे दोनों को हानि होती है.


पूजा-पाठ कर रहा व्‍यक्ति: यदि कोई व्‍यक्ति पूजा-पाठ कर रहा है तो उसकी पूजा-आराधना पूरी होने तक इंतजार करें. बीच में ही पैर न छूएं, ऐसा करने से उसकी पूजा-अर्चना में बाधा पहुंचती है. जो कि गलत है.

गुस्से में बड़ी गलती कर बैठते हैं इस नाम के अक्षर वाले लोग, जिद्दी स्वभाव बनता है परेशानियां की वजह



नई दिल्ली. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति का स्वभाव, व्यक्तित्व अलगा होता है. व्यक्ति के नाम का पहला अक्षर उसके स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य की जानकारी देता है. किसी भी व्यक्ति का नाम बहुत अहम होता है. जन्म तिथि और जन्म स्थान के आधार पर व्यक्ति की राशि निर्धारित होती है और राशि के आधार पर ही व्यक्ति का नाम रखा जाता है. नाम ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के नाम के पहले अक्षर की अपनी ऊर्जा और गुण होते हैं


ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसके चरित्र की खबियों के बारे में बताता है. इतना ही नहीं, वे व्यक्ति के जीवन के कई राज खोलता है. नाम के पहले अक्षर से व्यक्ति की भविष्य के साथ उसके करियर और स्वभाव को भी जाना जा सकता है. ऐसे ही आज हम V अक्षर से शुरू होने वाले नाम के बारे में जानेंगे.


नाम ज्योतिष के अनुसार V अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोगों को स्वभाव थोड़ा जिद्दी और सुस्त होता है. लेकिन अपनी जरूरत के हिसाब से ये लोग एक्टिव भी हो जाते हैं. ये जातक अपनी जिम्मेदारियों पर पूरी तरह से खरा उतरते हैं. इन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और इस हद तक गुस्सा आता है कि उस समय गलत निर्णय ले लेते हैं. गुस्सा खत्म होने के बाद हालांकि इन्हें बहुत अफसोस भी होता है. इस नाम के अक्षर वाले लोगों पर मंगल ग्रह का प्रभाव होता है, जिससे इनकी मानसिक शांति भंग हो जाती हैं. इस वजह से इनका स्वभाव उग्र होता है.


इन लोगों का संबंध माता के साथ बहुत अच्छा होता है. वहीं, पिता के साथ इन लोगों का संबंध औसत रहता है. अपने स्वभाव के कारण इनके दोस्त कम बनते हैं. इनका जिद्दी स्वभाव ही इसका कारण होता है.इन लोगों का विवाह परिवार की मर्जी से होता है. इनके जिद्दी स्वभाव के कारण ही जीवनसाथी भी इनसे परेशान रहता है. लेकिन जीवनसाथी की हर इच्छा को पूरा करते हैं.


नाम ज्योतिष के अनुसार इन लोगों को करियर में हार बर्दाश्त नहीं होती. ये लोग जीवन में संघर्ष करने से बिल्कुल भी नहीं घबराते. इसी कारण ये हर कार्य में सफलता पाते हैं. V अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोग आजाद ख्यालों के होते हैं. दूसरों की बातों को ये लोग बहुत कम सुनते हैं और न ही उनके हिसाब से कोई काम करना पसंद होता है. इन्हें अपने तरीके से ही अपना काम करना पसंद होता है. 

VISION QUEST 2023

 


Noida: VSERV Infosystems Pvt Ltd. organised its quarterly review conference and outbound personnel development program called Vision Quest 2023 from January 12th – 15th. The purpose of the program was to review performance of the team in last quarter and set goals for this quarter with a fresh perspective and larger vision. Team members from Delhi NCR, Mumbai, Bhopal, Raipur Punjab, Uttar Pradesh, Haryana and Chattisgarh participated in the program. Vision Quest started at NOIDA on 12th with opening address from Mr Sajid Ahmed, CEO followed by special address from Mr Raman Shukla, COO covering the larger vision of the company.

During the event Regional Directors and Business Heads, Mr Nishant Ohri, Mr Jalaj Tiwari, Mr Shawar Khan, Mr Lincon Kathuria, Mr Shivam Pandey, Govt Business Head Mr Vineet Vikram, Chief HR Office Mr Neeraj Ojha shared the insight of the Vision 2.0 of Vserv Infosystems. All team leaders, Mr Sudhir Gaur, Chief Education officer, Mr Nitesh Agnihotri, Country Head, Service Delivery, Mr Abhijit Sarkar, IMS Practice Head, Ms Sarita Chauhan, Head- Corporate Strategy, Mr Sanjeev Bhatia, Vice President – Western Region, Mr Amit Yadav, Vice President – Vserv 2.0 Initiatives, other Regional Heads and Senior team members presented their performance and shared their strategy for this quarter. All high performing team members for last quarter were recognised and rewarded. Pragati, annual planner of VSERV Infosystems for internal team was launched during the event.

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The team then left for Rishikesh where a nature retreat was planned to continue the reviews along with training activities and rejuvenation at a beautiful site by the stream. The next day begin with enthusiasm; early morning all participants went for a 3 km walk to the river, followed by learning stretching and light exercises to avoid next and back issues while working. The formal program started with an AMT activity called Microlab to help participants understand how to set and achieve their goals together. This was followed by an idea writing group competition (VQuest) for achieving our larger mission by 2024. Each team member participated with zeal and full team spirit.

VQuest competition Winning team
Day 3 started with 3 km walk and exercise session at river side. The formal day started with rigorous target setting exercise, brainstorming, followed by announcing winners of VQuest competition and singing competition. To unwind river rafting was organised for team members, some stayed back for relaxing and site seeing. The day ended well with strategic games and discussions. Day 4 was about revising what we learnt, summarising and concluding the 4 day program.

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The conference was memorable and full of learning. The team came back stronger with high spirit, great bonds and strong strategy for this quarter and times to come.cebook

‘लाल चावल’ की खेती कर रहे हैं कुछ किसान, हो रही है 3 गुना से कमाई, सेहत के लिए भी फायदेमंद




छत्तीसगढ़ के कोरबा में किसान अब काले चावल के बाद लाल चावल की खेती भी करने लगे हैं. बाजार में इस चावल की ठीक-ठाक डिमांड है और ये 150 से 200 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा है.


लाल चावल की शुरुआत पहले 5 किसानों ने की थी. उनसे प्रभावित होकर कोरबा के करतला ब्लॉक के 3 गांव घिनारा, बोतली और बिंझकोट के 13 किसानों ने 15 हेक्टेयर खेत में इस बार खेती शुरू की है.


लाल चावल के बारे में कुछ एक्सपर्ट दावा करते हैं कि इसमें काफी पौष्टिकता होती है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. इसमें इन्फोसायनिन नाम का एंटीऑक्सिडेंट होता है. झारखंड, तमिलनाडु, केरल और बिहार में भी इसकी अच्छी खेती होती है. दावा किया जाता है कि ब्राउन राइस की तुलना में ये 10 गुना ज्यादा पौष्टिक होता है.


किसान दावा कर रहे हैं कि लाल चावल से 3 गुना ज्यादा फायदा मिलता है. इससे धान की खेती फायदेमंद हो गई है. इसमें फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है जिसकी वजह से यह पाचन तंत्र में लाभकारी होता है.

इंसान के ही नहीं बल्कि पक्षियों के भी अन्नदाता हैं ये किसान, आधी एकड़ ज़मीन में उगाते हैं चिड़ियों के लिए अनाज


आपने खेती करने वाले बहुत से किसानों की संघर्ष भरी कहानी पढ़ी और सुनी होगी, जो अपनी आजीविका चलाने के साथ-साथ लोगों की अन्न सम्बंधी ज़रूरतों को पूरा करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे शख़्स के बारे में सुना है, जो इंसानों के लिए नहीं बल्कि बेजुबां पक्षियों के लिए अनाज उगाता है। यकीनन इस शख़्स की दिलचस्प कहानी जानने के बाद आपको भी एहसास होगा कि भूख सिर्फ़ इंसानों को नहीं बल्कि प्रकृति द्वारा निर्मित हर जीव को लगती है, लेकिन उनकी ज़रूरतों का ख़्याल सिर्फ़ चंद लोग ही रख पाते हैं।


नेकी की मिसाल पेश करता किसान

तमिलनाडु के कोयंबटूर में रहने वाले मुथु मुरुगन (Muthu Murugan) नामक किसान अपनी आधी एकड़ ज़मीन में सिर्फ़ चिड़ियों के खाने के लिए अनाज उगाते हैं, जिसे खाकर हजारों पक्षियों की भूख मिटती है। 62 वर्षीय मुथु मुरुगन पेशे से एक किसान हैं, जो सन् 1990 से बिना किसी कैमिकल खाद का इस्तेमाल किए खेती कर रहे हैं।


मुथु मुरुगन अपनी किसानी के शुरुआती दौर से ही चिड़िया समेत दूसरे पक्षियों के लिए अनाज उगाने का काम करते थे, लेकिन पहले वह सिर्फ़ खेतों के बॉर्डर पर ही चिड़ियों के लिए अनाज उगाया करते थे। लेकिन मुथु को जल्द ही एहसास हो गया कि खेत में फ़सल खाने के लिए आने वाले पक्षियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में उन्होंने पक्षियों के लिए अगल से खेती करने का फ़ैसला किया।


आधी एकड़ ज़मीन में पक्षियों के उगाते हैं अनाज

मुथु मुरुगन ने जल्द ही खेतों के किनारों के बजाय मुख्य खेत पर ही पक्षियों के लिए खेती करना शुरू कर दिया, इसके लिए उन्होंने अपनी आधी एकड़ ज़मीन पर उगी फ़सल को काट कर उसमें बाजरा और चारा उगा दिया। मुथु मुरुगन ने अपने खेत को दो हिस्सों में बांट दिया, जिसमें से उन्होंने 0.25 एकड़ में बाजरा और 0.25 एकड़ के हिस्से में चारे की खेती कर दी।


बाजरे और चारे की खेती महज़ 1 महीने में ही पककर तैयार हो जाती है, ऐसे में फ़सल उगते ही मुथु मुरुगन के खेतों पर सैकड़ों चिड़ियाँ और पक्षी अनाज खाने के लिए इकट्ठा हो जाते हैं। मुरुगन के खेतों पर पक्षी इतनी ज़्यादा संख्या में आते हैं कि फ़सल को ख़त्म होने में 1 हफ्ते का भी समय नहीं लगता है। ऐसे में मुथु मुरुगन फ़सल ख़त्म होने के साथ ही पक्षियों के लिए दोबारा बाजरा और चारा उगाना शुरू कर देते हैं।


पर्यावरण की चिंता करते हैं मुथु मुरुगन

आपने बॉलीवुड फ़िल्म रोबोट 2.O में पक्षियों से प्रेम करने वाले पक्षी राजन को देखा होगा, लेकिन अगर असल ज़िन्दगी में पक्षी प्रेमी को देखा जाए तो वह कोयंबटूर के किसान मुथु मुरुगन ही हैं। जो पर्यावरण की चिंता करने के साथ-साथ पक्षियों से बहुत ज़्यादा प्यार भी करते हैं।


मुथु मुरुगन का मानना है कि बायोडायवर्सिटी के लिए पक्षियों और जीव जंतुओं का जीवित रहना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इनके होने से ही खेतों पर फ़सल उगाई जा सकती है। सभी लोग बाघ और हाथी जैसे जीवों की भूख मिटाने और उनकी घटती आबादी को लेकर चिंतित रहते हैं, जबकि खेतों को उपजाऊ बनाने वाली चिड़ियाँ और पक्षियों की भूख के बारे में कोई नहीं सोचता है।


यही वज़ह है कि मुथु मुरुगन ने पक्षियों के लिए फ़सल उगाने की पहल की, ताकि भूख की वज़ह से पर्यावरण को सुरक्षित करने वाले इन खूबसूरत प्राणियों की मौत न हो। आपको बता दें कि मुथु मुरुगन फ़सल उगाने के लिए किसी भी तरह का पेस्टिसाइड यानी कीटनाशक इस्तेमाल नहीं करते हैं, जिसकी वज़ह से कई बार उनकी फ़सल खराब भी हो जाती है।


हालांकि तमाम मुश्किलों के बावजूद भी मुथु मरुगन ने हार नहीं मानी और बिना कीटनाशक के ही खेतों पर फ़सल उगाई। मुथु न सिर्फ़ पक्षियों के लिए खेती करते हैं बल्कि उनकी आमदनी का एकमात्र जरिए फ़सल उगाना ही है। मुथु मुरुगन को केमिकल फ्री खेती करने के दो फायदें होते हैं, पहला-उनकी फ़सल से तैयार अनाज सेहत के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता और दूसरा-केमिकल फ्री फ़सल का स्वाद चखने के लिए दूर-दूर से पक्षी मुथु मुरुगन के खेतों में आती हैं।


आज मुथु मुरुगन चिड़िया समेत पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में जानते हैं और कभी-कभी तो उन्हें दुर्लभ प्रजाति की चिड़ियाँ भी देखने को मिल जाती हैं। मुथु मुरुगन अपनी इस केमिकल फ्री खेती की तकनीक से बहुत ज़्यादा खुश हैं, क्योंकि उन्हें संतुष्टि है कि वह आम इंसान के साथ-साथ पक्षियों की भूख मिटाने का भी काम कर रहे हैं। देखा जाए तो मुथु मुरुगन सिर्फ़ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि पक्षियों के भी अन्नदाता हैं।

रोजाना उल्टा चलने के फायदे जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान, पैरों को मिलती है मजबूती




रोजाना उल्टा चलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। सीधे टहलने से कहीं ज्यादा फायदेमंद उल्टा टहलना होता है। पीछे की ओर चलने से शरीर का संतुलन ठीक रहता है। साथ ही रोजाना उल्टा चलने से पैरों को मजबूती मिलती है और दिमाग भी स्वस्थ रहता है।


शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप सुबह टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। लेकिन उल्टा चलने से भी सेहत को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। जी हां, रोज सुबह 15 से 20 मिनट तक उल्टा चलने से सेहत और दिमाग दोनों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। पीछे की ओर चलना आसान नहीं होता है और अकेले इसका प्रैक्टिस करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए इसका प्रैक्टिस किसी व्यक्ति के देखरेख में ही करना चाहिए। रोजाना उल्टा चलने से घुटनों के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही इससे पैरों को मजबूती मिलती है।


उल्टा चलने के फायदे


1. पैरों को मजबूती मिलती

रोजाना उल्टा चलने से पैरों को अधिक मजबूती मिलती है। क्योंकि उल्टा चलते समय पैरों में अधिक ताकत लगानी पड़ती है। जिससे पैरों की आगे-पीछे दोनों ही तरफ की मांसपेशियों का एक्सरसाइज होता है। जिसकी वजह से पैरों को अधिक ताकत और मजबूती मिलती है।


2. शरीर का संतुलन ठीक रहता

रोजाना उल्टा चलने से शरीर का संतुलन ठीक रहता है। क्योंकि उल्टा चलने से दिमाग पर अधिक जोर पड़ता है। ऐसा करने से दिमाग ज्यादा काम करता है जो कि शरीर के संतुलन को बढ़ाने में फायदेमंद होता है। जिससे शरीर का संतुलन ठीक रहता है।


3. घुटनों का दर्द से राहत मिलती

रोजाना उल्टा चलने से घुटनों का दर्द से राहत मिलती है। क्योंकि उल्टा चलने से घुटनों का दर्द जल्द ही राहत मिलती है। साथ ही उल्टा चलने से घुटनों में मौजूद स्ट्रेस कम होता है, जिससे सूजन भी कम होता है।


4. मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

रोजाना उल्टा चलने से मानसिक स्वास्थ्य को फायदा मिलता है। क्योंकि उल्टा चलने से दिमाग स्वस्थ रहता है और दिमाग को ज्यादा काम करना पड़ता है। रोजाना उल्टा चलना एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्या में फायेदमंद होता है।

वजन कम करने के लिए रोजाना खाएं पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थ


लोगों में यह एक आम धारणा है कि कम खाने से वजन तेजी से कम होगा। आपको बता दें वजन कम करने का यह तरीका बिल्कुल गलत है और एक्सपर्ट इससे बचने की सलाह देते हैं। वजन कम करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषण अधिक जरूरी है। एक और आम गलत धारणा यह है कि केवल कुछ खाद्य पदार्थ ही वजन घटाने में मदद करते हैं।


यह जरूरी नहीं है कि वजन कम करने के लिए कुछ महंगी और अनोखी चीजें ही खाने चाहिए। कुछ रोजाना खाई जाने वाले पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थ भी तेजी से वजन कम कर सकते हैं। बस आपको यह पता होना चाहिए कि किस चीज को किसके साथ खाना चाहिए। वास्तव में वजन कम करने में फूड कॉम्बिनेशन जरूरी है और इससे वजन कम करने के साथ सेहत को कई फायदे होते हैं।


दाल-चावल

चावल के साथ मसूर की दाल कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर देती है। दरअसल दाल चावल के साथ दही और सलाद खाने से स्वस्थ वसा, प्रोटीन, फाइबर और अन्य आवश्यक खनिज मिलते हैं। दाल में वे सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। यह प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होता है, ये सभी शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। दूसरी ओर, चावल एक उच्च प्रोटीन, कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन है जो आंत के लिए भी अच्छा है, जिससे यह वजन घटाने का एक बढ़िया मिश्रण है।


राजमा-चावल

राजमा चावल हर किसी को पसंद होता है और यह वजन घटाने में मदद कर सकता है। यह भोजन संतुष्टि देता है और इसकी उच्च फाइबर सामग्री और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) के कारण लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। इसके अलावा, राजमा चावल में फाइबर कब्ज को रोकने, पाचन में सुधार और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। वे वसा और कैलोरी में भी कम हैं। इनमें से प्रत्येक पोषक तत्व वजन घटाने में सहायता कर सकता है।


इडली-सांबर

वजन घटाने के लिए साउथ इंडियन खाना बहुत अच्छा होता है। सबसे लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजनों में से एक इडली सांभर है। यह न केवल एक हल्का भोजन है जो तैयार करना आसान है, बल्कि यह भरने वाला और कैलोरी में भी कम है। वास्तव में, डोसा या सब्जी उत्तपम सांबर के एक बड़े कटोरे के साथ अच्छी तरह से चलते हैं। एक इडली में केवल 40-60 कैलोरी होती है।


रोटी-सब्जी

यह वास्तव में, यह सबसे लोकप्रिय संयोजनों में से एक है। यह कैलोरी में कम और अपनी पसंदीदा सब्जी के साथ खाने में स्वादिष्ट होती है। सब्जियां विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट का भंडार हैं। यह वजन कम करने में भी सहायक है। वजन घटाने के लिए कुछ बेहतरीन सब्जियां हैं भिंडी मसाला, पालक पनीर, सोया भुर्जी, अंडे की भुर्जी।


दही-खिचड़ी

खिचड़ी में किसी भी प्रकार की दाल डालने से वह भरपेट भोजन में बदल जाती है। तूर दाल हो, मूंग दाल हो या चना दाल, सभी पौष्टिक और सेहतमंद होते हैं। मसूर, सामान्य तौर पर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और वसा जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दाल में प्रोटीन होता है, जो लंबे समय तक भरा हुआ रखता है और मांसपेशियों के विकास में सहायता करता है। इसमें बहुत सारा फाइबर भी होता है, जो कब्ज में मदद कर सकता है। दाल खिचड़ी में प्रति सर्विंग केवल 203 कैलोरी होती है। यह व्यंजन मधुमेह रोगियों और हृदय रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।

आधी रात को नींद टूट जाती है तो ध्यान में रखें ये बातें


जो लोग रात को सोते हुए उठ कर बैठ जाते हैं, वह कटस्ट्रोफिसिंग या नाईट ड्रेड से पीडि़त होते हैं। आजकल हर कोई अपने काम में इतना ज्यादा व्यस्त हो वह अच्छे से नींद नहीं ले पाते। ऐसे में उनकी रात को नींद टूट जाती है। रात को नींद का टूट कर नींद न आने के बहुत से कारण हो सकते हैंं, जैसे कि उदास होना, किसी बात की टेंशन, बेचैनी होना, पसीना आना। अगर आपको भी ऐसी ही कोई दिक्त आती है तो इसे अनदेखा न करें। यह बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकती है।


कारण

अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर लोंग जब सोते हैं तो चिंता और डर की वजह से उठ जाते हैं और फिर दोबारा सो नहीं पाते हैं। इसके और भी बहुत से कारण हैं। जैसे कि देर रात तक जागना, खाने की गलत आदतें, लम्बे समय तक चिंता करना आदि। आजकल यह आदतें बड़ो और छोटे बच्चों दोनों में देखने को मिलती है। नींद खराब होने के और भी बहुत से बुरे प्रभाव होते हैं जैसे कि आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना, एसिड रीफ्लक्स, काम ठीक से ना कर पाना, मोटापा और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाना और मधुमेह हो जाना आदि।


किसी बात की चिंता का होना

जिन को रात के वक्त नींद नहीं आती या फिर टूट जाती है वह लोंग जल्दी हाइपर हो जाते हैं। वह किसी भी बात को लेकर जल्दी ही चिंतित हो जाते है। ऐसा उनके खुद की नकारात्मक सोच की वजह से होता है। जो लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं ऐसा उन लोंगो के साथ ज्यादा होता है। ऐसे में उन लोगों को अपने मन की बात लिख कर या फिर किसी से सेयर करनी चाहिए। आप उसे दूर करने के लिए रात के समय कोई भी किताब पड़ सकते हैं, मूवीज देख सकते हैं, गेम्स खाल सकते हैं या मेडिटेशन कर सकते हैं।


पैनिक अटैक्स से बचने के तरीके

1. पैनिक अटैक आने के वक्त इसके खिलाफ ना जाएं बल्कि इसके हिसाब से काम करें।

2. अगर आपको रात में पैनिक अटैक होने की वजह से आपकी आंख खूल जाए तो गहरी सांस लें।

3. ऐसे समय में आप अपने तकिए पर लैवेंडर के तेल की कुछ बूंदें छिड़क सकते है ताकि आपको अच्छी नीद आ जाए।

4. रात के वक्त कैमोमाइल चाय बना कर पिए।

5. ऐसे वक्त में दिमाग को शांत रखने और ब्लड प्रेशर नार्मल रखने के लिए सॉफ्ट म्यूजिक सुने।

6. अगर आपको नींद नहीं आती तो आप व्यायाम करें।